NTPC से मिला Ethanol: परिवहन मंत्री लगातार इथेनॉल के उत्पादन में बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे है क्योंकि इथेनॉल का अधिक उपयोग करने से प्रदूषण में कमी होती है और भारत जैसे राष्ट्र को इसकी बहुत बड़े पैमाने पर जरूरत है। वर्तमान में कंपनिया नए नए तरीको से इथेनॉल का उत्पादन करने की तकनीक विकसित कर रही है।
जैक्सन ग्रीन लिमिटेड कंपनी छत्तीसगढ़ में बिजली उत्पादन का काम करती है। जिसमे वेस्ट होने वाली गैस से एनटीपीसी कंपनी ने इथेनॉल बनाने का ऑर्डर दिया है। आज के इस लेख में हम आपको जैक्सन ग्रीन कंपनी एनटीपीसी से मिले इथेनॉल बनाने के ऑर्डर के बारे में बताने वाले है।
4G Ethanol के उत्पादन को बढ़ावा
जैक्सन ग्रीन कंपनी ने बुधवार को बताया की एनटीपीसी कम्पनी से उसे 40 ग्रीन इथेनॉल बनाने का एक बड़ा ऑर्डर मिला है। जैक्सन ने बताया की अब कम्पनी में उपयोग होने वाली फ्लू गैस से इथेनॉल का उत्पादन किया जायेगा। कंपनी के दिए गए बयान के अनुसार बिजली उत्पादन के बाद निकलने वाली फ्लू गैसों से प्रतिदिन 10 टन 4G इथेनॉल बनाया जा सकता है।
यह Ethanol पलू गैस्रो कार्बन को अवशोषित करने की तकनीक के आधार पर रोजाना 25 टन कार्बन को साफ करेगा जिससे वायुमंडल में उत्सर्जित होने वाली ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन में कमी देखने को मिलेगी। इसी के साथ जैक्शन कंपनी अपने संयंत्र से रोजाना 3 टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन भी करेगी।
कंपनी के अनुसार साफ की गई कार्बन ऑक्साइड और प्राप्त हाइड्रोजन को लेजाटेक तकनीक में से गुजारा जाएगा जिससे इन दोनों के मिश्रण से 4G इथेनॉल का उत्पादन होगा। जिससे जैक्शन का विद्युत संयंत्र द्वारा फ्लू गैस कार्बन ऑक्साइड द्वारा 40 इथेनॉल का उत्पादन करने वाला दुनिया का पहला संयंत्र बन जायेगा।
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इस 40 Ethanol के प्लांट की रूपरेखा एनटीपीसी के द्वारा डिजाइन की गई है तथा इस संयंत्र का पूरा नेतृत्व जैक्शन कंपनी के द्वारा किया जायेगा। कम्पनी के अनुसार 4G इथेनॉल संयंत्र से उत्पादन 2 साल के अंदर शुरू होने की उम्मीद है। इसी के साथ कम्पनी के संयुक्त प्रबंधन ने इस परियोजना को हरित भविष्य की दिशा में एक अच्छी पहल बताया है।
भारत के 2030 तक 5 मिट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इसी के साथ इस परियोजना से भारत ऊर्जा के क्षेत्र ने आत्मनिर्भर बनाने की योजना है। जैक्शन कंपनी यीन हाइड्रोजन के उत्पादन को 8500 टन प्रति वर्ष की दर से बढ़ा रही है। इसी के साथ कंपनी की वित्तीय स्थिति बहुत ही अच्छी है।