गोबर और केंचुआ: युवा किसान ज्ञानेश तिवारी ने बताया कि वर्तमान में मेरे पास 40 पशु है. जिसके गोबर का इस्तेमाल हम वर्मी कंपोस्ट बनाने में करते हैं. अगर गोबर कम पड़ता है तो दूसरे किसानों से खरीद लेते हैं. वहीं 12 कर्मचारी पैक्जिंग से लेकर सारा कामकाज संभालते हैं.
गोबर और केंचुआ: (UP Farmer Success Story)
UP Farmer Success Story, रासायनिक कीटनाशकों के बुरे प्रभाव के चलते खेती-किसानी में जैविक खाद का उपयोग बढ़ा है. इसी कड़ी में वर्मी कंपोस्ट ( केचुआ खाद) के इस्तेमाल का महत्व भी बढ़ा है. गोबर और केंचुआ ने शाहजहांपुर के एक प्रगतिशील युवा किसान की जिंदगी बदल कर रख दी. यह किसान अब साल में लाखों की कमाई कर रहा है. किसान तक से बातचीत में शाहजहांपुर के नबीपुर गांव के रहने वाले ज्ञानेश तिवारी ने बताया कि गोबर और केंचुआ से बना वर्मी कंपोस्ट खाद की आज मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है. आज ज्यादातर किसान अपने खेतों में वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि वर्मी कंपोस्ट में सभी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं. जिससे फसल की पैदावार अच्छी होती है.
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उन्होंने बताया कि अपनी डेयरी से निकलने वाले गोबर से वर्मी कंपोस्ट तैयार कर सालाना 12 लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. वहीं, केंचुआ बेचकर साल में करीब 8 से 9 लाख
रुपए की कमाई हो जाती है. ज्ञानेश बताते हैं कि साल 2010 में मेरठ से बीएड की डिग्री हासिल की और 2014 में डेयरी फार्म खोल दिया. साल 2016 में वर्मी कंपोस्ट बनाने की ट्रेनिंग ली और अपने डेयरी फार्म पर वर्मी कंपोस्ट तैयार करना शुरू कर दिया. आज हम 200 फिट में वर्मी कंपोस्ट तैयार करते हैं. (गोबर और केंचुआ)
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गोशाला में 40 के करीब भैंस
ज्ञानेश ने आगे बताया कि वर्मी कंपोस्ट के साथ-साथ केंचुए की भी बिक्री करते हैं. ज्ञानेश साल भर में करीब 70 क्विंटल केंचुआ बेच रहे हैं. केचुआ खरीदने के लिए आसपास के साथ किसानों के साथ-साथ दूसरे जिलों और प्रदेशों के भी किसान आते हैं. उन्होंने बताया कि वह वर्मी कंपोस्ट और केंचुआ बेचकर साल में करीब 20 से 21 लाख रुपए की कमाई करते हैं. शाहजहांपुर के विकासखंड क्षेत्र निगोही के छोटे से गांव नवीपुर के रहने वाले ज्ञानेश तिवारी ने बताया कि गोबर से करीच साल में 1700 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट तैयार करते हैं. तैयार हुआ वर्मी कंपोस्ट किसानों के साथ-साथ नर्सरी और किचन गार्डन में इस्तेमाल किया जाता है. वर्मी कंपोस्ट के 1 क्विंटल की कीमत 700 रुपए है. आमतौर पर वर्मी कंपोस्ट में 40 से 50 प्रतिशत तक मुनाफा होता है.
गोबर और केंचुआ खाद पोषण
केंचुआ खाद पोषण पदार्थों से भरपूर एक उत्तम जैव उर्वरक है.
युवा किसान ज्ञानेश तिवारी ने बताया कि वर्तमान में मेरे पास 40 पशु हैं. जिसके गोबर का इस्तेमाल हम वर्मी कंपोस्ट बनाने में करते हैं. अगर गोबर कम पड़ता है तो दूसरे किसानों से खरीद लेते हैं. वहीं 12 कर्मचारी पैक्जिग से लेकर सारा कामकाज यूनिट संभालते हैं. आज शाहजहापुर, पीलीभीत, लखनऊ समेत कई शहरों में मेरे वर्मी कंपोस्ट की डिमांड है. बहुत से किसान मेरे यूनिट पर आकर खाद और केंचुआ ले जाते है. वहीं, ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से हमारे खाद की बिक्री होती है.